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प्राचीन भारत के शासक नाग, उनकी उत्पति और इतिहास ( एक जातीय विश्लेषणात्मक शोध-प्रबंध )

प्राचीन भारत के शासक नाग, उनकी उत्पति और इतिहास ( एक जातीय विश्लेषणात्मक शोध-प्रबंध )

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लेखक: डॉ. नवल वियोगी 

पृष्ठ: ३६८ 

 

— विषय सूची —

समर्पण

भूमिका

चित्र और मानचित्रों की तालिका.

अध्याय: 1. प्राचीन कथाओं में नागों की उत्पत्ति

महाभारत की कथा...17, नागों का आदि केंद्र तक्षशिला....21, ईरान में नाग पूजा व नाग जाति... 22, नाग पूजा की उत्पत्ति पश्चिमी एशिया में...24, नाग पूजा बेबीलोन, सुमेर व सीरिया में... 28, मिस्र में नाग पूजा... 28, ग्रीस में नाग पूजा...29, सारांश...31

अध्याय : 2. भारत में नाग पूजा और उसका प्रसार.

कश्मीर...34, नारपुर का विनाश... 34, हिमाचल प्रदेश...37, पूर्वोत्तर भारत व विहार...37, तक्षशिला... 38, पंजाब (गूगा पीर नाग)...38, काठियावाड़ (गुजरात)...39, महाराष्ट्र... 40, दक्षिण भारत... 41, दक्षिण भारत में नाग पंचमी का पावन पर्व...42, नाग जातियों का फैलाव...44, सारांश...46

अध्याय 3. महापाषाण सभ्यता, उसकी उत्पत्ति व नाग जाति से संबंध 

महापाषाण सभ्यता तथा उसका उदगम... 49, महापाषाणों की उत्पत्ति के विभिन्न विचार... 49, भूमध्य सागर तटीय क्षेत्र का सिद्धांत... 49, पश्चिम एशिया के भारत के साथ व्यापारिक संबंध... 50, लोह तकनीक का एशिया माइनर में विकास...51, भारत में महापाषाणों का फैलाव तथा काल...53, महापाषाण सभ्यता...54, महापाषाणों के प्रकार...56, भारत में महापाषाण सभ्यता के मुख्य केंद्रों का विकास और फैलाव...57, विन्ध्य प्रदेश...58, दक्षिण के महापाषाण केंद्र... 58, ब्रह्मगिरि...59, गोलाकार पत्थर पेटिकाओं की समाधियां...60, चक्रांकित मृण्भांड (आंध्र सभ्यता)...61, हल्लूर (सभ्यता)...61, अदिचानालूर...62, महाराष्ट्र (विदर्भ) में महापाषाणों के केंद्र...62, कौडिन्यपुर...62, माहुरझरी...636, पवनी महास्तूप...63, अमरावती का महास्तूप...64, एरण व मल्हार में महापाषाण काल से ऐतिहासिक काल तक सांस्कृतिक एकता...64, आर्थिक जीवन; कृषि और उद्योग धंधों का विशाल जाल...66, महापाषाण प्रथा का बौद्ध स्तूप प्रथा में विकास, बौद्ध परंपरा...68, महापाषाण सभ्यता नागों की...69, सारांश...69

अध्याय: 4. पश्चिमी एशिया में नाग सभ्यता की उत्पत्ति तथा उसका सिंधुघाटी में आगमन

सुमेरियन तथा अकाद लोगों का सुमेर में आगमन...74, सेमाइट अथवा हाइक्सोस लोगों का मिस्र पर आक्रमण...76, हाइक्सोस आक्रमण का काल तथा बल देवता... 76, मातृदेवी की उपासना व मातृ-प्रधान परिवारों का उदगम्... 78, सेमाइट लोगों में मातृ-प्रधान परिवार...80, प्राचीन मिस्र में मातृ-प्रधान पारिवारिक व्यवस्था... 81, प्राचीन क्रेट द्वीप में मातृ-प्रधान परिवार... 82, राज्यों के राजस्व व संपत्ति की वास्तविक स्वामिनी मातृदेवी...83, सिंधुघाटी में मातृदेवी की उपासना...84, आर्यों में पितृ-प्रधान परिवार...85, अनार्य नागों में मातृ-प्रधान उत्तराधिकार की परंपरा... 86, इक्ष्वाकुओं के प्राचीन काशी-कौशल राज्य में मातृ-प्रधान परिवार परंपरा...87, सातवाहनों में मातृ-प्रधान पारिवारिक परंपरा...88, श्रीपर्वत का इक्ष्वाकु राजपरिवार मातृ-प्रधान... 88, खासी नागों में मातृ-प्रधान सामाजिक प्रथा...89, मातृ-प्रधान परिवार प्रथा की उत्पत्ति तथा अंत के कारण... 89, सुमेर में राजऋषि प्रथा तथा उसका विकास...90, राष्ट्रीय राज्य अथवा साम्राज्य (महा गणसंघ)...91, सिंधुघाटी में नगर-राज्य और राजऋषि प्रथा...92, सिंधुघाटी सभ्यता के बाद के काल में नगर-राज्य व राजऋषि प्रथा के प्रमाण...92, सुमेरियन सामाजिक व्यवस्था में तीन वर्ग....94, जन-साधारण सैनिक या सैनिक-राष्ट्र...95, राज्यों की जनसभाएं... 95, बौद्ध व जैनधर्म असुरों की उत्पत्ति... 96, इक्ष्वाकु, द्रविड़ नाग जाति...97, इक्ष्वाकुओं की आधुनिक संतान...98, भारत व ईरान की प्राचीन सभ्यताओं की एकरूपता... 99, सारांश...101

अध्याय: 5. संघ व्यवस्था की उत्पत्ति एवं गणसंघ

'संघ' शब्द की व्युत्पत्ति... 106, जनजातीय उत्पत्ति... 106, संघ व्यवस्था का पश्चिम एशिया से आगमन... 107, सिंधुघाटी में शिल्प तथा व्यापारिक धंधों की स्थापना...108, परिवार का कुनबे में विकास...110, संघों के प्रकार... 111, संस्कृत साहित्य में संघों के प्रकार...112, कुलिका अथवा राजा, गणतंत्र महासंघ समिति के सदस्य...113, गण प्रमुखों का चुनाव कैसे होता था?...114, चारित्रिक विशेषताएं...115, धनवान संघ... 116, अनुशासन व न्यायप्रियता... 116, जाति-पाति विहीन समाज एवं बराबरी का सिद्धांत...117, अनार्य समाज...118, राजऋषि प्रथा और नगर गणराज्य... 120, मातृ-प्रधान परिवार...120, गण-पद्धति का आधारभूत नियम; राष्ट्री या गणभूमि का समान बंटवारा...120, महत्वपूर्ण गणसंघों की उत्पत्ति और उनका इतिहास... 122, तक्षक अथवा टका नाग (अन्धक)...123, टका नागों की शाखाएं और उनका फैलाव...126, टका सहारन... 129, तक्षकों की आधुनिक संतान कहां?... 129, कपड़ों की रंगाई, बुनाई तकनीक का प्राचीन इतिहास... 130, सिंधुघाटी में बुनकर, तथा रंगरेजों के उद्योग-धंधे...131, वस्त्रों की बढ़ती मांग से उक्त संघों के महत्व में वृद्धि... 132, व्युत्पत्ति...1331, टकसाली माप्पा... 136, टाकरी लिपि... 136, अभिलेख... 137, टका सिक्कों का प्रचलन और उसका फैलाव...137, टाक क्षत्रियों के कुछ महत्वपूर्ण गोत्र... 141, वैशाली के लिच्छिवि... 142, कपिलवस्तु के शाक्य...146, शाक्यों में आवश्यक शिल्प व सैनिक शिक्षण का विधान...147, कुल प्रमुख में सर्वशक्ति निहित होने का नियम... 148, कंबोज...150, क्षुद्रक तथा मालव...151, अम्बस्था... 152, अग्रसेनी (वणिक नाग)... 152, पातालपुरी... 152, सारांश...154

अध्याय : 6. प्राकृत, महाराष्ट्री की जननी, पैशाची भाषा.

पश्चिमोत्तर भारत की दार्दिक अथवा पैशाची भाषाएं...161, जार्ज ग्रियर्सन के विचारों का खंडन...162, संस्कृत भाषा मात्र आर्यों के धार्मिक कर्मकांड व साहित्य की भाषा... 163, प्राकृत और पालि आदिवासियों की भाषा... 163, उत्पत्ति... 164, भाषाओं के दो वर्ग... 164, पैशाची भाषा का प्राकृत-पालि में विकास तथा उनका द्रविड़ भाषाओं से संबंध...166, प्राकृत भाषा की विभिन्न शाखाएं... 167, वररुचि... 167, साहित्य... 168, मागधी प्राकृत... 168, महाराष्ट्री प्राकृत व अन्य भाषाएं...169, दक्षिण में प्राकृत का फैलाव व शिलालेख... 170, पैशाची भाषाओं में ल्यावंत की युक्ति... 171, सारांश...174

अध्याय: 7. नाग जाति कौन? उसकी नरवंशीय पहचान

बौद्ध स्तूप महापाषाणों के सीधे उत्तराधिकारी... 178, अमरावती तथा सांची के स्तूपों की कलाकृतियों की जांच... 178, मानववंश शास्त्रीय प्रमाण... 181, ब्रह्मगिरि तथा हड़प्पा के कब्रिस्तान H तथा G के अल्पाइन लोगों के अनुवांशिक संबंध....184, डिक्सन के अनुसार ताम्र तथा लोह युग में, मध्य तथा पश्चिमी ऐशियाई देशों में विभिन्न जातियों की उपस्थिति... 189, केपरस तथा सरकार के विचारों का खंडन... 190, नरवंश का भौतिक प्रकार; एक अर्थहीन विचार...191, क्या नाग जाति तूरान से आई?...193, क्या सीथियन नागपूजक थे?...194, सारांश... 195

अध्याय : 8. काले और लाल मृद्भांडों की सभ्यता; उसका यादवों व नागों से संबंध.

आदिवासियों में टोटम या कुल देवता की प्रथा... 198, नाग टोटम और नाग जाति... 199, हड़प्पा सभ्यता और नाग पूजा व टोटम...199, वेदों में नागों का वर्णन... 2012, अथर्ववेद... 202, काले तथा लाल मृद्भांडों की सभ्यता तथा उसका पश्चिम एशिया से संबंध...02, काले व लाल मृदुभांडों की सभ्यता में विदेशी तत्व तथा लोहे की उपस्थिति... 204, अहाड़ में काले और लाल मृद्भांडों की सभ्यता तथा उसका पश्चिमी एशिया से संबंध... 205, अल्पाइन जाति का मूलनिवास स्थान पश्चिमी एशिया... 206, अल्पाइन जाति का पश्चिमी एशिया से पलायन... 207, अल्पाइन जातियों की यादव रूप में पहचान... 208, प्रभाषपटन की खुदाई, उसका यादवों तथा पौराणिक कथाओं से संबंध... 209, आर्य और यादवों की शत्रुता : ऋग्वैदिक प्रमाण...210, नसलीय (मूल जाति) प्रकार व उसके प्रमाण... 211, घोड़े का प्रमाण... 211, यादव एक नाग जाति... 213, सारांश... 215

अध्याय : 9. वैदिक संस्कृति का ह्रास तथा नाग श्रमण संस्कृति का पुनरुत्थान 

प्राचीन भारत में विभिन्न मानव जातियों का फैलाव (1600-500 ई.पू.)...219, आर्य व अनार्यों का दीर्घकालीन संघर्ष... 222, वैदिक संस्कृति का हास...224, महाभारत युद्ध के महाविनाश से आर्य क्षत्रियों की शक्ति का क्षीण होना... 224, नाग शक्ति की पुनर्स्थापना... 225, श्रमण संस्कृति तथा सत्ता का उत्थान... 225, नेमीनाथ तथा पार्श्वनाथ... 226, बुद्ध व महावीर...227, नागों का तक्षशिला से हस्तिनापुर की ओर पलायन...228, नागों का पुनरुत्थान व हस्तिनापुर पर अधिकार... 230, पंचाल पर जैन परंपरा के नागों का अधिकार... 231, आदिवासी सभ्यता में राजऋषि प्रथा... 233, काशी पर नागों का अधिकार... 237, मगध में सत्ता परिवर्तन तथा नागों का अधिकार... 238, सारांश...239

अध्याय 10. आंध्र सातवाहन तथा दक्षिण भारत के अन्य नाग राजा.

आन्ध्र अथवा सातवाहन... 244, सातवाहन शब्द की व्युत्पत्ति... 244, सातवाहनों का मूल निवास स्थान... 247, मूल पुरुष सातवाहन... 249, शासन शक्ति का उदय...250, आन्ध्र प्रदेश... 250, बेल्लारी प्रदेश... 251, वेनाकटक तथा विदर्भ...251, सातवाहनों का विदर्भ से संबंध... 252, सिक्के... 252, विदर्भ में किला... 253, पैठान (पैथान)...254, आंध्र घाटी... 254, सातवाहन राजवंश और उसका कालक्रम... 255, विभिन्न पुराणों के अनुसार आन्ध्र-सातवाहन राज वंशावली...255, क्या सातवाहन ब्राह्मण थे?... 257, आन्ध्र आदिवासी जनजाति... 258, मातृ-प्रधान या मातृसत्तात्मक परिवार... 258, नाग उत्पत्ति... 259, सातवाहनों का सामाजिक व राजनीतिक संगठन... 261, सातवाहनों के महारथी और महाभोज दो संगठक गण...261, राष्ट्रिक तथा पैत्तिनिक सातवाहनों के दो प्रशासनिक पद...263, श्रीपार्वत के इक्ष्वाकु...264, दक्षिण के अन्य नाग राजपरिवार...265, चोल...265, पल्लव... 266, कदंब...266, रट्ठ नाग... 267, चालुक्य तथा राष्ट्रकूट... 269, नागवंश और कश्यप व मानव्य गोत्र... 270, नागों में भूमाता व हारिती की उपासना... 271, सारांश...272

अध्याय : 11. उत्तर व मध्य भारत के नाग राजा.

विदिशा के नाग...278, एरण-विदिशा... 279, नवनाग (भारशिव)...279, नागों क शासन प्रणाली...280, भारशिवों का कांतिपुरी में (140 ई.) उदय... 280, प्रतिनिधि या गवर्नर के रूप में शासन करने वाले नाग वंशीय... 281, पदमावती का भारशिव, नाग शासकों का महासंघ. 281, पदमावती... 282, वीरसेन... 283, भवनाग...283, वाकाटक राजवंश (248 ई.-550 ई.)...284, वाकाटक राज वंशावली... 284, क्या वाकाटक ब्राह्मण थे?... 285, जयसवाल के विचारों का खंडन...285, सामाजिक धार्मिक परंपराएं... 287, वाकाटक व नागों के सिक्कों की समानता...288, गुप्त राजपरिवार की आदिवासी नाग उत्पत्ति... 291, भोज...292, यौधेय, कुनिंद तथा अर्जुनेया गणतंत्र गणसंघ... 293, कश्मीर का गोनंदा परिवार तथा मेघवाहन...293, कश्मीर में कर्कोटक नागवंश...294, दुर्लभवर्धन का जन्म... 295, संक्षिप्त इतिहास... 296, ललितादित्य... 296, मध्येशिया का विजय अभियान... 297, ललितादित्य की मृत्यु... 298, सारांश... 298

अध्याय : 12. संघों पर आधारित उद्योग-धंधे और नाग सभ्यता की उपलब्धियां 

व्यापारिक श्रेणियां व निगम...303, दक्षिण-पश्चिमी भारत में विदेशी व्यापार के प्रमाण...304, अमीर व्यापारी व बैंक का ब्याज दर... 305, सार्थवाह... 305, वणिक व्यापारी, अनार्य नाग जाति....3506, बल या बाल देवता...308, राजा अग्रश्रेणी या अग्रसेनी तथा सिकंदर...309, अग्रोहा की खुदाई... 309, वणिक नाग...311, सिक्कों का प्रारंभ...311, देशी-विदेशी व्यापार और समृद्धि...312, शहरीकरण...312, विदर्भमें बौद्ध-धम्म के प्रभाव से समृद्धि; चैत्यों व स्तूपों का निर्माण...313, नाग सभ्यता की महान उपलब्धियां...314, सारांश (नागों की गणसंघ सभ्यता का गौरव)...316

अध्याय : 13. महान नाग सभ्यता का अंत और उनके उत्तराधिकारी

अंत कैसे हुआ?...319, नागों की संतान कहां गईं?...320, मणिपुर की नाग जनजातियां...321, खासी नाग...322, मेर अथवा महार... 325, महार अथवा रख नागों का मराठाओं से संबंध...327, नवनाग...327, भारशिव नाग...327, सातवाहन काल...327, मुसलिम काल में महारों के नाम के पीछे नाग पद...329, ब्रिटिश काल में महारों के नाम के पीछे नाक पद... 329, सभी वर्गों के लोग नाग...329, टका सहारन तथा राजपूत नाग...30, नागों के आर्यकरण और शूद्रकरण की प्रक्रिया...30, हिरण्य गर्भ संस्कार...31, शिवाजी का राज्याभिषेक... 32, भारशिवों की संतान भारों का शूद्रीकरण...32, जन-साधारण...333, उपसंहार...335

Selected Bibliography

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