इत्सिंग का आंखों देखा भारत
इत्सिंग का आंखों देखा भारत
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अनुवादक : संतराम बी.ए.
संपादन : डॉ. एम.एल. परिहार
पृष्ठ : 144
— विषय सूची (CONTENTS) —
निवेदन-भारतीय इतिहास और भावी मानव समाज की खुशहाली
श्रीयुत ज. तककुसू के नाम राईट आनरेबल प्रोफेसर एफ, मैक्समूलर का पत्र
भारतीय इतिहास की कड़िया जोड़ने में इत्सिंग की यात्रा विवरण का योगदान
- मूलसर्वास्तिवाद निकाय
- इ-त्सिंग के बौद्ध निकायों के वर्णन का परिणाम
- महायान और हीनयान
इ-त्सिंग का जीवन-चरित और भ्रमण-वृत्तांत
- उसके बचपन से चीन से उसके प्रस्थान तक
- इत्सिंग की भारत यात्रा
- इत्सिंग का चीन लौटने के बाद शेष जीवन
कुछ भौगोलिक नामों का निवारण
- नग्न लोगों का देश
- दक्षिणी सागर के द्वीप
- दूरतर भारत या इंडो-चाइना
- भारत और लंका
इ-त्सिंग ने यात्रा वर्णन कब लिखा था?.
इत्सिंग के बौद्ध-अनुष्ठानों के इतिहास (सन् 671-685 बाहर; सन् 673-687 भारत में) से तैयार की हुई, भारत के अनेक साहित्य-सेवियों और बौद्ध उपाध्यायों की, उनकी तिथि तथा परंपरा सहित, सूचियां
पुस्तक का मूल पाठ
इ-त्सिंग का दक्षिण समुद्र से स्वदेश (चीन) भेजा हुआ बौद्ध अनुष्ठानों का इतिहास
पहला अध्याय - वर्षावास अथवा एकांत वास के विषय में
दूसरा अध्याय- पूज्यों के प्रति व्यवहार
तीसरा अध्याय - भोजन के समय एक छोटी कुर्सी पर बैठना
चौथा अध्याय - पवित्र और अपवित्र भोजन की पहचान
पांचवां अध्याय - भोजन करने के बाद सफाई
छठवां अध्याय - जल रखने के लिए दो लोटे
सातवां अध्याय – रोज सुबह कीड़े-मकोडे के लिए पानी की जांचना
आठवां अध्याय -- दातुन का उपयोग
नवां अध्याय- उपोसथ-दिवस पर भोज के नियम
दसवां अध्याय – जरूरी भोजन और वस्त्र
ग्यारहवां अध्याय - वस्त्र धारण करने की रीति
बारहवां अध्याय - भिक्खुनी के वेश और अंत्येष्टि-कर्म के नियम
तेरहवां अध्याय - प्रतिष्ठित पुण्य भूमियां
चौदहवां अध्याय - पांच परिषदों का ग्रीष्म-एकांत (वर्ष)
पंद्रहवां अध्याय - पवारणा दिवस के संबंध में
सोलहवां अध्याय - चमचों और रोटी काटने की लकड़ियों के विषय में
सत्रहवां अध्याय – प्रणाम के लिए उचित अवसर
अठारहवां अध्याय - टट्टी जाने के विषय में
उन्नीसवां अध्याय - उपसंपदा के नियम
बीसवां अध्याय - उचित समयों पर स्नान
इक्कीसवां अध्याय - बैठने की चटाई के विषय में
बाईसवां अध्याय - निद्रा और विश्राम के नियम
तेईसवां अध्याय - स्वास्थ्य के लिए उचित व्यायाम के लाभ पर
चौबीसवां अध्याय - वंदना एक-दूसरे के अधीन नहीं
पचीसवां अध्याय - गुरु और शिष्य का परस्पर बर्ताव
छब्बीसवां अध्याय - अपरिचितों और मित्रों के प्रति व्यवहार
सत्ताईसवां अध्याय – शारीरिक रोगों के लक्षणों के बारे में
अट्ठाईसवां अध्याय – औषधि देने के नियम
उनतीसवां अध्याय - दुःखदायक वैद्यक चिकित्सा नहीं करनी चाहिए
तीसवां अध्याय- पूजा में दायीं ओर को फिरना
इकतीसर्वा अध्याय - पूजा की पवित्र वस्तुओं को साफ करने में औचित्य के नियम
बत्तीसवां अध्याय - स्तोत्रगान-प्रक्रिया
वेंतीसर्वा अध्याय – विनय नियम विरुद्ध बुद्ध वंदना
चौंतीसवां अध्याय – भारत में शिक्षा की रीति
पैंतीसवां अध्याय – केशों के विषय में नियम
छत्तीसवां अध्याय – मृत्यु के बाद कार्यों का प्रबंध
सैतीसवां अध्याय – संघ की साधारण संपत्ति का उपयोग
अड़तीसवां अध्याय - शरीर का जलाना अधर्मसंगत है
उनतालीसवां अध्याय - पास खड़े होने वाले अपराधी हो जाते हैं
चालीसवां अध्याय - प्राचीन काल के धर्मात्मा मनुष्य ऐसे कामों का अनुष्ठान नहीं करते थे
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