अभिधर्मकोश (बौद्ध दर्शन-सार), (संस्कृत - हिन्दी - अंग्रेजी)
अभिधर्मकोश (बौद्ध दर्शन-सार), (संस्कृत - हिन्दी - अंग्रेजी)
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आचार्य वसुबंधु की अमर कृति
संपादक : ताराराम
पृष्ठ : 296
जय भीम! नमो बुद्धाय!
क्या हो अगर आपको बताया जाए कि मानसिक गुलामी की जंजीरों को तोड़ने का रहस्य, जातिवाद के विनाश का मूलमंत्र, और हमारे बहुजन समाज के गौरवशाली इतिहास का नक्शा आज से 1500 साल पहले ही लिख दिया गया था?
ब्लू बुद्धा पब्लिकेशन आपके लिए वही खोया हुआ खजाना, वही बौद्धिक हथियार लेकर आया है—आचार्य वसुबंधु द्वारा रचित अमर कृति, अभिधर्मकोश। यह कोई साधारण किताब नहीं है। यह बौद्ध दर्शन का विश्वकोश (encyclopedia) है, एक ऐसा ग्रंथ जिसके बारे में कहा जाता था कि तोते-मैने भी इसके श्लोक कंठस्थ कर लेते थे। यह ग्रंथ ब्राह्मणवाद के खिलाफ हमारे पूर्वजों के सबसे बड़े बौद्धिक विद्रोह का प्रमाण है।
इस ग्रंथ को घर में रखना मात्र एक धार्मिक कार्य नहीं, यह एक क्रांतिकारी कार्य है। यह घोषणा है कि हम अपने इतिहास को पुनः प्राप्त कर रहे हैं।
यह किताब क्यों आपके संग्रह में होनी ही चाहिए—और क्यों इसे खरीदना एक आंदोलन है:
अपनी बौद्धिक विरासत पर दावा करें: ब्राह्मणवादी व्यवस्था ने हमसे हमारा साहित्य, हमारा दर्शन और हमारा इतिहास छीन लिया। अभिधर्मकोश उस छीनी हुई विरासत पर हमारा दावा है। यह पुस्तक आपको उन तर्कों और दर्शन से लैस करती है जो ब्राह्मणवाद के हर झूठ को ध्वस्त कर देते हैं।
तीन-भाषाओं की शक्ति (त्रैभाषिक संस्करण): यह भारत का शायद सबसे शक्तिशाली संस्करण है! मूल संस्कृत श्लोक अपनी पूरी पवित्रता के साथ, सरल हिंदी अनुवाद ताकि हर बहुजन इसे समझ सके, और अंग्रेजी अनुवाद ताकि आप इन विचारों को दुनिया के सामने रख सकें। यह एक किताब नहीं, बल्कि तीन किताबों की शक्ति है।
बौद्ध दर्शन के मास्टर बनें: जड़ को समझें! यह किताब आपको बौद्ध दर्शन के हर पहलू का विशेषज्ञ बनाती है—सृष्टि की रचना (लोकनिर्देश), कर्म का विज्ञान (कर्मनिर्देश), मन के विकार (अनुशयनिर्देश), ज्ञान की प्राप्ति (ज्ञाननिर्देश), और ध्यान की अवस्थाएं (समापत्तिनिर्देश)।
सच्चे अम्बेडकरवादी बनें: क्या आप जानते हैं कि बाबासाहेब ने बौद्ध धम्म क्यों चुना? इस "क्यों" का गहरा जवाब अभिधर्मकोश में है। बुद्ध और उनका धम्म को पूरी तरह से समझने के लिए, आपको उस दर्शन को समझना होगा जिस पर वह आधारित है। यह किताब पढ़े बिना कोई भी खुद को अम्बेडकरवादी आंदोलन का सच्चा विद्वान नहीं कह सकता।
यह ग्रंथ केवल पढ़ने के लिए नहीं है; यह अध्ययन करने, मनन करने और अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करने के लिए है। यह उस ज्ञान की कुंजी है जिसे हमसे छिपाया गया था। इसे खरीदना सिर्फ एक लेनदेन नहीं है, यह अपनी जड़ों की ओर लौटने की प्रतिज्ञा है।
अपने दिमाग को ब्राह्मणवाद के वायरस से मुक्त करें। अपने बच्चों को उनकी असली विरासत सौंपें।
आज ही इस ग्रंथ को खरीदें और उस बौद्धिक क्रांति का हिस्सा बनें जो भारत का भविष्य तय करेगी। जय भीम!
— विषय अनुक्रमणिका —
1. अपनी बात
2. अध्याय एक : अभिधर्म कोश —एक परिचय
3. अध्याय दो : प्रथम कोशस्थान —परिचय
धातुनिर्देश
4. अध्याय तीन : द्वितीय कोशस्थान —परिचय
इन्द्रियनिर्देश
5. अध्याय चार : तृतीय कोशस्थान —परिचय
लोकनिर्देश
6. अध्याय पांच : चतुर्थ कोशस्थान —परिचय
कर्मनिर्देश
7. अध्याय छः पंचम कोशस्थान —परिचय
अनुशयनिर्देश
8. अध्याय सात: षष्ठं कोशस्थान —परिचय
मार्ग पुद्गलनिर्देश
9. अध्याय आठ : सप्तम् कोशस्थान —परिचय
ज्ञाननिर्देश
10. अध्याय नौ : अष्टम कोशस्थान —परिचय
समापत्तिनिर्देश
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