जात-पांत का विनाश (ANNIHILATION OF CASTE) (Defected)
जात-पांत का विनाश (ANNIHILATION OF CASTE) (Defected)
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लेखक : डॉ. भीमराव अंबेडकर
अनुवादक : डॉ. एम.एल. परिहार
पृष्ठ : 80
— अनुक्रमणिका —
किताब में कहां क्या है?
दूसरे एडिशन की प्रस्तावना (preface).
तीसरे एडिशन की प्रस्तावना (preface)..
आमुख (prologue) पत्र व्यवहार,
1. परिचय (Introduction).
2. कांग्रेस बनाम समाज सुधार
3. समाजवाद बनाम सामाजिक न्याय (social justice)..
4. श्रम विभाजन और जाति-प्रथा
5. वंश और रक्त का सुधार व जाति प्रथा.
6. क्या हिंदू एक 'समाज' (society) है ?
7. जातियों का राष्ट्र व समाज विरोधी रूप
8. आदिवासियों के उत्थान में बाधक जाति-प्रथा
9. जाति-वर्ण ही सामाजिक घृणा की जड़ है।
10. धर्म प्रचार में बाधक जातियां
11. जाति-प्रथा सामाजिक बिखराव व बुझदिली का बड़ा कारण है
12. जाति से बहिष्कार : एक कठोर दंड
13. जाति प्रथा ने आचरण (morality of ethics) को नष्ट किया
14. मेरी कल्पना का आदर्श समाज (Ideal Society) कैसा हो?
15. आर्य सामाजियों की चातुर्वर्णव्यवस्था.
16. चातु-र्वर्ण की एक घिनौनी व अव्यवहारिक व्यवस्था.
17. समाज को लकवाग्रस्त व लगभग मुर्दा बना देने वाली व्यवस्था
18. जातियों के बीच आपसी विरोध (rivality) व दुश्मनी (enmity)
19. गैर-हिंदुओं में जाति-प्रथा.
20. जातिभेद का किला कैसे टूटे (how to abolish caste)?
21. आखिर जाति व्यवस्था का नाश क्यों नहीं होता ?
22. हिंदू धर्म शास्त्र तर्क, विवेक और नैतिकता (morality) से दूर क्यों ?
23. धर्मशास्त्रों में सुधार की जरूरत क्यों?
24. धर्म और पुरोहित (priest) का नया रूप क्या हो ?.
25. हिंदुओं को विचार करने लायक कुछ सवाल.
26. जाति व्यवस्था को जड़ से उखाड़ फेंकने की जरूरत
परिशिष्ट-1 महात्मा गांधी द्वारा जाति व्यवस्था के पक्ष में प्रमाण
वर्ण बनाम जाति (varna versus caste)
परिशिष्ट-2 डॉ. अंबेडकर का महात्मा गांधी को उत्तर.
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