बौद्ध धम्म के विरुद्ध साजिश, आरोप व उतर
बौद्ध धम्म के विरुद्ध साजिश, आरोप व उतर
ઓછો સ્ટોક: 5 બાકી
શેર કરો
लेखक : ‘धम्मप्रिय’ भंवरसिंह सहवाल
पृष्ठ : 88
— विषय सूची (CONTENTS) —
अभागा देश भारत जो सदियों तक बुद्धवाणी से वंचित रह गया
बुद्ध और उनके धम्म के खिलाफ कौन थे?
वेदों की निंदा करने का आरोप, पक्षपाती नजरिया, युद्ध और हिंसा, यज्ञ और बलि, हिंसक यज्ञ और गो-हत्या, बुद्ध का आदर्श यज्ञ-विधान, असमान जाति-भेद, वेदों के प्रमाण का प्रश्न
क्या बुद्ध नास्तिक थे?
क्या है यह ईश्वर और उसकी अवधारणा?, एक रोचक घटना-प्रंसग, कर्म और कर्म-फल का वैज्ञानिक सिद्धान्त और आस्तिकता।
राष्ट्र को कमज़ोर करने का आक्षेप
बौद्धों के प्रति चिढ़-
(1) अशोक द्वारा वैदिक धर्मावलम्बी जनता के धर्म-परिवर्तन का प्रश्न
(2) बौद्ध भिक्षु और शस्त्र बल पर कुठाराघात का प्रश्न
(3) बौद्ध धर्मी अशोक और राष्ट्र पर संकट का प्रश्न
(4) क्या देश की पराजय में बुद्ध की अहिंसा का हाथ था?
क्या बौद्धों ने देशद्रोह किया?
निष्ठा का प्रश्न, किसे कहते हैं देश-द्रोह, इतिहास क्या कहता है, तो फिर तथाकथित वैदिकों ने क्या किया?
बुद्ध और उनका धम्म
गलतफमियां और उनका निवारण, 'अनात्म' शब्द को लेकर भ्रान्तिः अनात्म का अर्थ आखिर ऐसा क्यों हुआ?, बुद्ध और आत्मा का प्रश्न, तो फिर पुनर्जन्म किसका?
विकृतियों के कारण बौद्ध धर्म का पतन बड़ी भ्रान्ति
विकृति का सोच, इतिहास का सच यह है, दुतरफा आघात का परिणाम, महायान तो वैदिक धर्म की संजीवनी बना, बौद्ध विरासत को मिटा दिया
क्या बुद्ध और बुद्ध की शिक्षा दुःखवादी है?
झूठ को तेजी से फैलाया, आनन्द और परम सुख में भिन्नता।
क्या बुद्ध विष्णु के अवतार थे?
कोई साम्य नहीं, बुद्ध के प्रभाव को कम करने का षड्यन्त्र, पुराणों में बुद्ध का अपकर्ष।
बुद्ध मांसाहारी थे : एक झूठ
अर्थ का अनर्थ कर दिया, चार प्रकार के पाप, एक उदाहरण और, पते की बात, एक प्रश्न।
बौद्ध धर्म दर्शन नकारात्मक है-एक गलत धारणा
पंचशीलों की कसौटी, अनित्य, अनात्म और दुःख की चुभन, क्या निर्वाण नकारात्मक अवस्था है?
बौद्ध धर्म का उदय ब्राह्मणवाद के विरुद्ध हुआ था : भ्रान्ति झूठ
एक फेंका हुआ पास, ब्राह्मणवाद और उसका गलत अर्थ, बौद्ध धर्म में ब्राह्मणों का नेतृत्व, बुद्ध की दृष्टि में ब्राह्मण।
बुद्ध की शिक्षा का स्त्रोत वैदिक नहीं है
दोहरी मानसिकता का परिणाम, बुद्ध के समय प्रचलित ध्यान पद्धतियों का प्रश्न, प्रागैतिहासिक काल के निर्धारण में पौराणिक ग्रंथों का प्रश्न, ऋग्वेद तथा महाभारत का रचना-काल, खटकने वाली बात, सांख्य-योग तथा बुद्ध पर उनकी छाया या प्रश्न।
शंकराचार्य ने बौद्धों को शास्त्रास्त्र में परास्त किया था-एक प्रवंचना
प्रवंचना का स्त्रोत- असलियत कुछ और ही।
बुद्ध हिन्दू थे, उनका धर्म सुधार आन्दोलन थाः भ्रान्त
हिन्दू शब्द की व्युत्पत्ति और प्रयोग, क्या बुद्ध हिन्दू थे?, विद्रोही मत या सुधार आन्दोलन।
समग्रतः निष्कर्ष - एक कड़वा घूंट
ब्रह्मजाल सुत्तं (दीघ निकाय पालिः शीलक्खन्ध वग्गो) ।
मंगल सुत्तं (सुत्त निपाल पालिः चूल वग्गो)।
मंगल-कामना
सन्दर्भ ग्रंथ
પિકઅપની ઉપલબ્ધતા લોડ કરી શકાઈ નથી
